लिंगाष्टकम्: शिव लिंग की महिमा का स्तवन | Lingashtakam Hindi Translation

लिंगाष्टकम् एक अत्यंत पूजनीय और महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जिसमें भगवान शिव के लिंग रूप की स्तुति की गई है। यह आठ श्लोकों का एक स्तोत्र है जो शिव लिंग की महिमा का वर्णन करता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी दुखों का नाश होता है।

लिंगाष्टकम् के श्लोक (Lyrics)

ब्रह्ममुरारि-सुरार्चित लिंगम्।
निर्मल भासित शोभित लिंगम्।
जन्मज दुःख विनाशक लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥१॥

देवमुनि प्रवरार्चित लिंगम्।
कामदहम् करुणाकर लिंगम्।
रावण दर्शन हारण लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥२॥

सर्वसुगंधि सुलेपित लिंगम्।
बुद्धिविवर्धन कारण लिंगम्।
सिद्धसुरासुर वन्दित लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥३॥

कनकमहामणि भूषित लिंगम्।
फणिपतिवेष्टित शेषित लिंगम्।
दक्षसुयज्ञ विनाशन लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥४॥

कुंकुम चन्दन लेपित लिंगम्।
पंकजहार सुवेष्टित लिंगम्।
संचितपाप विनाशन लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥५॥

देव गणार्चित सेवित लिंगम्।
भावैभक्तिभिरेव च लिंगम्।
दिनकरकोटि प्रभाकर लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥६॥

अष्टदलोपचितपूजित लिंगम्।
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम्।
अष्टदरिद्र विनाशित लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥७॥

सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगम्।
सुरवन पुष्प सुलेपित लिंगम्।
परात्परं परमात्मक लिंगम्।
तत् प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥८॥

लिंगाष्टकमिदं पुण्यं।
यः पठेत्शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति।
शिवेन सह मोदते ॥

लिंगाष्टकम् का हिंदी अनुवाद

प्रथम श्लोक: जो ब्रह्मा, विष्णु और देवताओं द्वारा पूजित है, जो निर्मल प्रकाश से शोभित है, जो जन्म से होने वाले सभी दुखों का नाश करता है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

द्वितीय श्लोक: जो देवताओं और मुनियों द्वारा पूजित है, जो कामनाओं को नष्ट करता है और करुणा का सागर है, जिसने रावण के अभिमान का नाश किया है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

तृतीय श्लोक: जो सभी सुगंधित द्रव्यों से अभिषेकित है, जो बुद्धि को बढ़ाने का कारण है, जिसे सिद्ध और सुर तथा असुर वंदित करते हैं, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

चतुर्थ श्लोक: जो सोने और महान मणियों से भूषित है, जिसे शेष नाग ने वेष्टित किया है, जिसने दक्ष यज्ञ का नाश किया, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

पंचम श्लोक: जो कुंकुम और चन्दन से अभिषेकित है, जिसे कमल के हार से सुशोभित किया गया है, जो संचित पापों का नाश करता है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

षष्ठ श्लोक: जो देवताओं द्वारा पूजित और सेवित है, जिसे भाव और भक्ति से पूजा जाता है, जो करोड़ों सूर्यों के समान प्रकाशमान है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

सप्तम श्लोक: जो अष्ट दलों से पूजित है, जो सभी उत्पत्तियों का कारण है, जो अष्ट दरिद्रताओं का नाश करता है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

अष्टम श्लोक: जो देवताओं के गुरु और श्रेष्ठ द्वारा पूजित है, जिसे सुरवन के पुष्पों से अभिषेकित किया गया है, जो परमात्मा का परम स्वरूप है, उस सदाशिव लिंग को मैं प्रणाम करता हूँ।

फलश्रुति: जो इस पुण्य लिंगाष्टकम् का पाठ शिव के समीप करता है, वह शिवलोक को प्राप्त करता है और शिव के साथ आनन्दित होता है।

लिंगाष्टकम् का महत्व

लिंगाष्टकम् का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसे शिवलिंग के समक्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ गाने से अनेक आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। लिंगाष्टकम् का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है।

लिंगाष्टकम् के लाभ

  1. धार्मिक लाभ: लिंगाष्टकम् का पाठ भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन है।
  2. आध्यात्मिक शांति: लिंगाष्टकम् के पाठ से मन को शांति और आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: लिंगाष्टकम् का पाठ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  4. विघ्नों का नाश: यह स्तोत्र सभी विघ्नों और बाधाओं का नाश करता है और जीवन को सरल बनाता है।
  5. संपूर्ण कल्याण: लिंगाष्टकम् का पाठ करने से संपूर्ण परिवार का कल्याण होता है।

लिंगाष्टकम् का सही पाठ

लिंगाष्टकम् का पाठ शिवलिंग के समक्ष करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पाठ के दौरान निम्नलिखित सामग्रियों का उपयोग करें:

  • दीपक
  • अगरबत्ती
  • पुष्प
  • अक्षत (चावल)
  • कुमकुम
  • नैवेद्य (प्रसाद)

लिंगाष्टकम् एक अत्यंत पूजनीय स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। इसका नियमित पाठ करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होता है। इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें।

हर हर महादेव!


  1. लिंगाष्टकम्
  2. Lingashtakam
  3. लिंगाष्टकम् हिंदी अनुवाद
  4. Lingashtakam Hindi Translation
  5. लिंगाष्टकम् के लाभ
  6. Benefits of Lingashtakam
  7. लिंगाष्टकम् पाठ
  8. Lingashtakam Path
  9. लिंगाष्टकम् का महत्व
  10. Importance of Lingashtakam

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