वैकुण्ठ एकादशी 2025 – समय और महत्व | vaikuntha ekadashi timings

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वैकुण्ठ एकादशी हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्त मनाते हैं। यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु के दरवाजे (वैकुण्ठ) के खुले होने के कारण ‘वैकुण्ठ एकादशी’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन विशेष पूजा, व्रत और उपवास करने से भक्तों के पाप समाप्त होते हैं और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

वैकुण्ठ एकादशी का आयोजन हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस दिन विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ, भगवान विष्णु की पूजा और उनकी आराधना की जाती है। आइए जानते हैं वैकुण्ठ एकादशी 2025 के समय और पूजा विधि के बारे में।

वैकुण्ठ एकादशी 2025 – तिथियाँ और समय

वैकुण्ठ एकादशी 2025 की तिथि: 18 जनवरी 2025 (शनिवार)
पद्म एकादशी (वैकुण्ठ एकादशी) का व्रत और पूजा समय:

  • एकादशी तिथि आरंभ: 17 जनवरी 2025 को रात 8:09 बजे
  • एकादशी तिथि समापन: 18 जनवरी 2025 को रात 8:48 बजे

इस दिन विशेष पूजा सुबह जल्दी उठकर करनी चाहिए, और पूजा का समापन द्वादशी तिथि में होना चाहिए। द्वादशी तिथि पर व्रति उपवास खोलते हैं और भगवान विष्णु को अर्पित करते हैं।

वैकुण्ठ एकादशी की पूजा विधि

  1. स्नान और शुद्धता:
    • वैकुण्ठ एकादशी की पूजा से पहले प्रात:काल उठकर स्वच्छ जल से स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
    • घर की सफाई करके भगवान विष्णु के मंदिर को साफ करें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा:
    • पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
    • दीपक, अगरबत्ती और फूल अर्पित करें।
    • भगवान के सामने फल, मिष्ठान और नैवेद्य अर्पित करें।
  3. व्रति का पालन:
    • इस दिन उपवास रखें। यदि उपवास नहीं कर सकते, तो फलाहार करें।
    • इस दिन विशेष रूप से विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और मंत्र जप करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप लाभकारी है।
  4. द्वादशी तिथि का समापन:
    • द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ब्राह्मणों को दान दें और व्रत का समापन करें।

वैकुण्ठ एकादशी के लाभ

  • पापों का नाश: वैकुण्ठ एकादशी व्रत से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • भगवान विष्णु का आशीर्वाद: इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
  • मोक्ष की प्राप्ति: यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खोलता है और मृत्यु के बाद भगवान के द्वार (वैकुण्ठ) की यात्रा का रास्ता खुलता है।
  • सभी इच्छाओं की पूर्ति: वैकुण्ठ एकादशी व्रत से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में धन, आरोग्य और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

वैकुण्ठ एकादशी 2025​

वैकुण्ठ एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे विधिपूर्वक करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और भक्ति से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसलिए, इस वैकुण्ठ एकादशी पर व्रत रखें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।

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